अरूप ... सर्वव्यापी तुम्हारा रूप..
अनेक रंग रंगे -
पाखी पंख में भरे ......!!
विविध रंग रंगी जल मीन ....
है मन आसीन ....!!
दिव्य अनेक रूप में तुम ...
सृजनकर्ता ...!!
नयन में बैठते ...
ह्रदय में पैठते ...
मन में भर भर देते कृतज्ञता...!!
स्मित चितवन लीला निहारूं ....
रग-रग ..रंग रंग जाऊं ..
रूप सवारूँ ...
दीजो अलख ज्ञान ...
छोड़ अभिमान ...!!
संवर जाऊं ...
श्रुति प्रज्ञ करूँ ...
गहन अर्थ गहूं ....!!
लीन तुम में हो जाऊं ...!!
प्रभु तुम में खो जाऊं ...!!
*Regal angel fish ---Pygoplites diacanthus.
*Rainbow parrotfish ----Scaus gaucamaia.
अनेक रंग रंगे -
पाखी पंख में भरे ......!!
विविध रंग रंगी जल मीन ....
Regal angel fish. |
rainbow parrot fish . |
सृजनकर्ता ...!!
Spectacled parrot fish. |
ह्रदय में पैठते ...
मन में भर भर देते कृतज्ञता...!!
स्मित चितवन लीला निहारूं ....
अमृत वर्षा ..भीग-भीग जाऊं ...
सिक्त होती जाऊं ...
गुणन के गुण रुच रुच गाऊँ ...सिक्त होती जाऊं ...
रग-रग ..रंग रंग जाऊं ..
रूप सवारूँ ...
दीजो अलख ज्ञान ...
छोड़ अभिमान ...!!
संवर जाऊं ...
श्रुति प्रज्ञ करूँ ...
गहन अर्थ गहूं ....!!
लीन तुम में हो जाऊं ...!!
प्रभु तुम में खो जाऊं ...!!
*Regal angel fish ---Pygoplites diacanthus.
*Rainbow parrotfish ----Scaus gaucamaia.
वाह .....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चित्रमयी प्रस्तुति....
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना,..अच्छी प्रस्तुती,....
ReplyDeleteMY RECENT POST,,,,फुहार....: बदनसीबी,.....
अहा ! अंतस में उतरते शब्द और चित्र .. लाजवाब
ReplyDeleteसुन्दर दृश्य |
ReplyDeleteशब्द सुन्दर |
बधाई ||
सर्वव्यापी रूप....आह ! अति सुन्दर ...
ReplyDeleteप्रभुमय सौन्दर्य
ReplyDeleteबहुत आभार शास्त्री जी ...!!
ReplyDeleteसच में ये तो इत्तेफाक भी हो गया की इधर भी उस चित्रकार के रंग बिखरे हैं ...बहुत सुन्दर लिखा है अनुपमा जी
ReplyDeleteशब्द और दृश्य की प्राकृतिक उपस्थिति प्रीतिकर है अनुपमा जी - वाह
ReplyDeleteलाज़वाब...बहूत ही उत्कृष्ट अभिव्यक्ति..आभार अनुपमा जी
ReplyDeleteचरणन सुख पाऊँ ....!!
ReplyDeleteलीन तुम में हो जाऊं ...!!
प्रभु तुम में खो जाऊं ...!!
बहुत सुंदर....
बस समर्पण !
अब भी यदि लोगों को चित्रकार पहचानने में कठिनाई हो...
ReplyDeleteसमर्पित भाव भरा भक्ति गीत!!
ReplyDeleteHIS wonders are overwhelming!!!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति!
प्रकृति ईश्वर ही तो है....| बहुत सुन्दर प्रस्तुति |
ReplyDeleteहममे तुममे खडग खंभ में सबमे व्यापत राम . इश्वर प्रदत्त प्रकृति की विभिन्न स्वरूपों की नयनाभिराम छटा.
ReplyDeleteअहा! अद्भुत चित्रों से सजी पोस्ट।
ReplyDeleteकविता गाकर पढ़ा। एक संगीतज्ञ का प्रभाव तो पड़ना ही था।
वाह, सर्वव्यापी रूप....
ReplyDeleteबहुत सुंदर ...न जाने कितने रंग भरे हैं प्रभु ने ...
ReplyDeleteदीजो अलख ज्ञान ...
छोड़ अभिमान ...!!
संवर जाऊं ...
श्रुति प्रज्ञ करूँ ...
गहन अर्थ गहूं ....!!
बहुत सुंदर पंक्तियाँ ....
भाव भरा भक्ति गीत.
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
अद्भुत भक्ति सर्वव्यापी का .ह्रदय को झंकृत कर राग में इश्वर की
ReplyDeleteचेतना को जागृत करने वाली स्तुति ...नमन ....
गुणन के गुण रुच रुच गाऊँ ...
रग-रग ..रंग रंग जाऊं ..
रूप सवारूँ ...
दीजो अलख ज्ञान ...
छोड़ अभिमान ...!!
संवर जाऊं ...
श्रुति प्रज्ञ करूँ ...
गहन अर्थ गहूं ....!!
चरणन सुख पाऊँ ....!!
लीन तुम में हो जाऊं ...!!
प्रभु तुम में खो जाऊं ...!!
सुन्दर तस्वीरें....सुन्दर पोस्ट ।
ReplyDeleteकोई नई बात नहीं, फिर से परोट फिश देखने आया था।
ReplyDeleteआध्यात्मिकता के गहन रंग में रंगी विभोर कर देने वाली अद्भुत अनुपम रचना ! इतनी सुन्दर चित्रावली एवं शब्द सर्जना के लिए आपको बहुत बहुत बधाई अनुपमा जी !
ReplyDeleteसुन्दर, Spiritual कविता.. और इन चित्रों के साथ बहुत सुन्दर प्रस्तुति भी!
ReplyDeleteसादर
सुन्दर चित्र सुन्दर कविता
ReplyDeleteआपकी कविता का सौन्दर्य बोध , साथ में भावानुकूल चित्रांकन मन -प्राण को छूने वाला है । ये पंक्तियाँ अन्तस् को छू गई -
ReplyDeleteनयन में बैठते ...
ह्रदय में पैठते ...
मन में भर भर देते कृतज्ञता...!!
स्मित चितवन लीला निहारूं ....
अमृत वर्षा ..भीग-भीग जाऊं ...
सिक्त होती जाऊं ...
अपार रंग बिखरे हैं सृष्टि में...उन्हें समेटा और
ReplyDeleteउसके सर्जक के प्रति कृतज्ञता का सुंदर भाव !!!
भक्तिमयी भावमयी सुन्दर चित्रामयी प्यारी-प्यारी अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति। मेरी कामना है कि आप अहर्निश सृजनरत रहें । मेरे नए पोस्ट अमीर खुसरो पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति और चित्र |
ReplyDeleteआशा
सचमुच!! प्रभु की हर रचना अपने आप में खो जाने का आमंत्रण देती है...
ReplyDeleteबहुत सुंदर सी रचना...
सादर।
आप सभी का आभार ......
ReplyDeleteप्रभु की उपस्थिति को आपने सराहा .....!!!!
प्रभु की सृष्टि में सारे रंग समाये हुए हैं।
ReplyDeleteबढि़या कविता।
बहुत सुंदर...
ReplyDeleteभगवान को तो मैं भी मानने वाला हूँ...सुन्दर कविता..और उतनी ही सुन्दर हैं तस्वीरें!! :)
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