नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

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13 July, 2012

निकला है चाँद......!!

पूनम का निकला  है चाँद...
थम गई है रात ...
चांद को निर्निमेष निहार ...
भीग रही है रात ....

लहरों सी लहरें ...
मन मे उठती हैं ......
तरंगों सी उमंगें ....
सींचती है रात ....

ये कैसा सन्नाटा  है ...
के गाती है प्रीत ...
ख़्वाहिशों  का दामन ..
भिगोती है रात ....!!


कल कल बहता नदिया का जल ..
तिस पर गिरती ...टिपिर टिपिर ...
बूंदों की ये आवाज़ ....
जैसे बज रहा हो  कोई साज़ .....!!

मूंद कर पलकों को...
चांद भर  नयनों मे ..
भीगी भीगी सी ..
प्रीत भर लेती है रात ....!!

स्निग्ध चांदनी में डूबी ...
भीनी  चंदरिया ओढ़े ...
कैसी खिलती है रात ..
कैसी भीगती है रात ...!!

41 comments:

  1. बहुत प्यारी कविता अनुपमा जी...

    टाइपिंग त्रुटि है एक-लेहरों को लहरों कर लीजिए..
    :-)

    सस्नेह
    अनु

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    Replies
    1. आभार अनु ...ठीक कर दिया है ...!!

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  2. मुझे ऐसी रात से सहानुभूति है !

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  3. स्निग्ध चाँदनी बिखेर रही है आपकी सुन्दर काव्य-कृति .. भींग रहा है मन..बहुत सुन्दर..

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  4. कोमल अनुभूतियों से पूर्ण चांदिनी रात का रससिक्त वर्णन . ऐसी रात में रिमझिम वृष्टि,जाने किस परीलोक में ले जाती है कविता . ह्रदय गदगद हुआ.

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  5. स्निग्ध चांदनी में डूबी ...
    भीनी चंदरिया ओढ़े ...
    कैसी खिलती है रात ..
    कैसी भीगती है रात ...!!
    भावमय करते शब्‍द ... अनुपम प्रस्‍तुति।

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  6. badi hi pyari hai ye raat ....................

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  7. स्निग्ध चांदनी में भीगी - भीगी सी सुन्दर सी रचना...

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  8. स्निग्ध चांदनी में डूबी ...
    भीनी चंदरिया ओढ़े ...
    कैसी खिलती है रात ..
    कैसी भीगती है रात .

    कितनी खूबसूरत बात कहतीं हैं आप कविता में...

    बारिश का मौसम लगता है आपके ब्लॉग पर भी चल रहा है, बहुत सुन्दर :) :)

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  9. रात को भी राशन कर दिया आपके शब्दों ने.

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    Replies
    1. शायद ये रौशन होगा शिखाजी ...:))तंकण त्रुटि लग रही है ...

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  10. चाँदनी रात हो नदी का किनारा हो तो ऐसा ही समां बंध जाता है..बहुत भावपूर्ण कविता..

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  11. खूबसूरत प्रस्तुति ।

    सादर बधाई ।।

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  12. भिगोती हुई.. भावो में स्निग्ध करती हुई कविता...

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  13. प्रेम की परिभाषा ही कुछ ऐसी हैं ....बहुत खूब

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  14. बहुत सुंदर.... वाह!
    टिप टिप बूंदें बोलतीं, नदियों से ये बात।
    बारिश में है भीजता, चाँद, अनोखी रात।

    सादर।

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    Replies
    1. नदी का किनारा हो ,पूनम की हो रात
      चाँद देखकर हम, करते नयनो से बात,,,,,

      खूबसूरत प्रस्तुति ।
      RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...

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  15. बहुत कोमल भावों से सजी रचना...
    पूनम का मनभावन चाँद !!!

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  16. ये कैसा सन्नाटा है ...
    के गाती है प्रीत ...
    ख्वाइशों का दामन ..
    भिगोती है रात ....!
    life delighted through your lines

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  17. स्निग्ध चांदनी में डूबी ...
    भीनी चंदरिया ओढ़े ...
    कैसी खिलती है रात ..
    कैसी भीगती है रात ...!!

    मन को भीगो दिया इस भीगी चाँदनी रात ने ...
    बहुत सुंदर ....!!

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  18. भीगी - भीगी प्यारी सी रात
    आपकी प्यारी रचना
    और रचना में मिठास
    बहुत - बहुत सुन्दर
    प्यारी रचना...
    :-)

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  19. अनुपमा जी रात का बहुत ही मधुर रससिक्त चित्रण है । सारे बिम्ब( दृश्य और ध्वनि बिम्ब) मिलकर धरा से गगन को रस से भिगो देते हैं । चित्र संयोजन इसे और आह्लादकारी बना देता है । आपके शब्दों की तूलिका कमाल की है ।

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  20. ये कैसा सन्नाटा है ...
    के गाती है प्रीत ...
    ख्वाइशों का दामन ..
    भिगोती है रात ....!!

    बहुत सुंदर रचना .... पढ़ते पढ़ते जैसे मन भीग सा गया ...

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  21. Replies
    1. बहुत आभार शिवम ...बुलेटिन पर कविता लेने के लिये ...!!
      :) निश्चय ही ...चकोर मन होता है ...चांदनी मे भीगता हुआ ,तभी तो कविता का सृजन होता है ....!!

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  22. लहरों सी लहरें ...
    मन मे उठती हैं ......
    तरंगों सी उमंगें ....
    सींचती है रात ....

    और फिर.....
    जिंदगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात....!!

    ReplyDelete
  23. लहरों सी लहरें ...
    मन मे उठती हैं ......
    तरंगों सी उमंगें ....
    सींचती है रात ....

    और फिर......
    जिंदगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात....!

    ReplyDelete
  24. वर्षा के साथ टिपिर- टिपिर बूंदों से सजी रात ...
    प्यारी कविता !

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  25. बहुत ही सुंदर ..सरल भाव !
    तन-मन को भिगोती
    ये चांदनी रात ...
    रचना के लिए बधाई स्वीकारे !

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  26. रात भि अपने विभिन्न रंगों में रंग बिखेरती है, किंतु कहीं न कहीं एक नमी लिए होती है।

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  27. कोमल भावो से सजी एक खुबसूरत रचना...

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  28. कविता के भाव ऐसे जैसे रात की कालिमा को तिरोहित कर रहे हों।

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  29. आभार आप सभी का ....

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  30. अति सुन्दर और भावपूर्ण।

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  31. प्रभावशाली रचना ...
    आभार !

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नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!