मेरी चूड़ी सी ...
वर्षा की बूंदो मे है खनखनाहट ....
मेरी बिंदिया सी ..
तुम्हारे चेहरे पे है मुस्कुराहट...
अदरक की चाय सी ....
सुबह में है खुश्बू....
खड़खड़ाता हुआ अख़्बार ...
सुर लहरी छेड़ रहा है ...
तुमसे रौशन है मेरा जहाँ ...
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बारिश से भीगा प्यार
ReplyDeleteये रोशनी कभी मद्धम न हो.....
ReplyDeleteबहुत प्यारे भाव....
सस्नेह
अनु
अति सुंदर पंक्तियाँ
ReplyDeletebahut sunder mann ki baatein
ReplyDeleteyeh mausam rangeen sama..kya baat hain!!
ReplyDeletebhagwan tum dono ke pyar ko sada yu he banie rakhe.......
वाह ... बेहतरीन भाव
ReplyDeleteखनखनाती, महकती, मुस्कुराती सी रचना... बहुत सुन्दर
ReplyDeleteअच्छी उपमाएं दी हैं !
ReplyDeleteऔर सुबह-सुबह खांसता सा बह रहा है नल
ReplyDeleteध्वनियो और एहसासों का बेहतरीन प्रयोग
सुन्दर भाव
ReplyDeleteबारिश का असली आनंद उठाया जा रहा है .... सुंदर
ReplyDeleteवाह ! अखबार से सुर लहरी..नया अंदाज..
ReplyDeleteसुबह, बारिश और अदरक की चाय...वाह..
ReplyDeleteतुम्हारे चेहरे पे है मुस्कुराहट...
ReplyDeleteअदरक की चाय सी ....
क्या बात है ...साथ में पकोड़ों का सा कुछ भी नहीं ?:):).
खूबसूरत ख्याल..
अरे शिखा जी गाने वालों का ध्यान पकौड़े तक जाता ही नहीं ....पकौड़े खाने से गला खराब हो जाता है ...:))गाना सुनना हो तो पकौड़े खिलाने के पहले सुन लिजियेगा ....:))
Deleteबहुत आभार रचना पसंद करने के लिये ...!!
sama sa bandh diya
ReplyDeletesajeev evm sundar bhav...
ReplyDeleteजहाँ यूँ ही रौशन रहे..शुभकामनाएं...
ReplyDeleteयूं ही रौशन रहे सारा जहाँ..खनकती सी खुबसूरत रचना..
ReplyDeleteमेरी चूड़ी सी ...
ReplyDeleteवर्षा की बूंदो मे है खनखनाहट ....
मेरी बिंदिया सी ..
तुम्हारे चेहरे पे है मुस्कुराहट..
अदरक की चाय सी ....
सुबह में है खुश्बू....
खड़खड़ाता हुआ अख़्बार ...
सुर लहरी छेड़ रहा है ...
तुमसे रौशन है मेरा जहाँ ..
बहुत सुन्दर भाव, श्रेष्ठ अल्फाज !
bhaut khubsurat rahi barish...aur usme bheege ye khubsurat bhaavo ke shabd....behtreen....
ReplyDeleteअदरक की चाय सी ....
ReplyDeleteसुबह में है खुश्बू....
खड़खड़ाता हुआ अख़्बार ...
सुर लहरी छेड़ रहा है ...
तुमसे रौशन है मेरा जहाँ ...
मुलायम एहसास के साथ
बहुत खूब ..
ReplyDeleteसुंदर रचना ..
अदरक वाली चाय की खुशबु
अखबार की खरखराहट अच्छी लगी :)
सुबह सुबह मिल जाय,गर अदरक वाली चाय
ReplyDeleteसारा दिन पढते रहे, दिन मस्ती में कट जाय,,,,,
बहुत बढ़िया प्रस्तुती,,,,
RECENT POST काव्यान्जलि ...: आदर्शवादी नेता,
Kya baat hai, bahut sundar! Ab baarish mein yeh sab raang talash karunge.:)
ReplyDeleteसराहनीय - संग्रहणीय प्रस्तुति .आभार हमें आप पर गर्व है कैप्टेन लक्ष्मी सहगल
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत कविता... वर्षा की बूंदों की तरह...
ReplyDeleteसुबह सुबह प्रेम की रौशनी आ जाए तो अंधेरा कभी नहीं आता ... लाजवाब प्रस्तुति ..
ReplyDeleteवर्षा की यह फुहार यूं ही झर-झर झरती रहे।
ReplyDeleteमौन का मुखरित होना यही तो है, सुन्दर भाव, बधाई.
ReplyDelete:D :D :D
ReplyDeleteवाह ! बहुत सुन्दर |
ReplyDeleteएक नन्हा जंगली फूल
ReplyDeleteबन गया विशेष
बेश कीमती रचना सुन्दर ,मनोहर ,बेहतरीन प्रतीक विधान और विहान लिए ..कृपया यहाँ भी पधारें -
कविता :पूडल ही पूडल
कविता :पूडल ही पूडल
डॉ .वागीश मेहता ,१२ १८ ,शब्दालोक ,गुडगाँव -१२२ ००१
जिधर देखिएगा ,है पूडल ही पूडल ,
इधर भी है पूडल ,उधर भी है पूडल .
(१)नहीं खेल आसाँ ,बनाया कंप्यूटर ,
यह सी .डी .में देखो ,नहीं कोई कमतर
फिर चाहे हो देसी ,या परदेसी पूडल
यह सोनी का पूडल ,वह गूगल का डूडल .
बहुत ही खूबसूरत!
ReplyDeleteक्या बात है... बहुत सुंदर रचना...
ReplyDeleteसादर।
kash aisi khoobsurat subeh sab ki ho.
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteबधाई.
वाह, गागर में सागर।
ReplyDeleteअदरक की चाय सी ....
ReplyDeleteसुबह में है खुश्बू....
खड़खड़ाता हुआ अख़्बार ...
सुर लहरी छेड़ रहा है ...
तुमसे रौशन है मेरा जहाँ ...
.... बहुत सुंदर रचना... .
भावों की वृष्टि , भीगे , मन हर्षित हुआ. बहुत सुँदर .
ReplyDeleteअदरक की चाय सी ....
ReplyDeleteसुबह में है खुश्बू....
खड़खड़ाता हुआ अख़्बार ...
सुर लहरी छेड़ रहा है ...
तुमसे रौशन है मेरा जहाँ ...
....बहुत कोमल अहसास...बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
इस मौन सुबह मे आप सभी ने अपने अपने मन के भाव देखे ...मेरी रचना साकार हुई ...!!
ReplyDeleteहृदय से आभार आप सभी का ...!!
वाह.....रोमांटिक...:) :)
ReplyDeleteहलकी बारिश आज सुबह से हो रही है इधर...बड़ा अच्छा लगा ऐसे में पढना इसे :)