''ज़िंदगी एक अर्थहीन यात्रा नहीं है ,बल्कि वो अपनी अस्मिता और अस्तित्व को निरंतर महसूस करते रहने का संकल्प है !एक अपराजेय जिजीविषा है !!''
अति सुन्दर कविता.
बहुत सुंदर प्रस्तुति.इस पोस्ट की चर्चा, रविवार, दिनांक :- 12/10/2014 को "अनुवादित मन” चर्चा मंच:1764 पर.
सादर आभार राजीव कुमार झा जी मेरी कृति को चर्चा मंच पर लेने हेतु !!
सुंदर प्रस्तुति।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ! साजन नखलिस्तान
अति सुन्दर !
Bahut hi sunder rachna .... Padh kar bahut accha laga ... Aapko badhaayi !!
खूबसूरत शब्दों का जादू .. बहुत लाजवाब ...
प्रकृति रच बस गई है आप में।
अहा !
नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!
अति सुन्दर कविता.
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteइस पोस्ट की चर्चा, रविवार, दिनांक :- 12/10/2014 को "अनुवादित मन” चर्चा मंच:1764 पर.
सादर आभार राजीव कुमार झा जी मेरी कृति को चर्चा मंच पर लेने हेतु !!
Deleteसुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteसाजन नखलिस्तान
अति सुन्दर !
ReplyDeleteBahut hi sunder rachna .... Padh kar bahut accha laga ... Aapko badhaayi !!
ReplyDeleteखूबसूरत शब्दों का जादू .. बहुत लाजवाब ...
ReplyDeleteप्रकृति रच बस गई है आप में।
ReplyDeleteअहा !
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