राह तकन के
दिवस नहीं अब
ठहरा था समय ,
कई जुग सा बीता....
मोम सा पिघलाव लिए
झरते मेघ
बरसे उराव लिए ,
प्रकृति सजल आकृति भई ,
भई श्रावण वरुणा
बहती जैसे झर झर करुणा....
मन मुदित पात पात हरसें
मृदुल मनोहर मेघ बरसें
अविरल नयनन सों
धार बहे पानी
श्याम ने आवन की जानी ,
शब्द ने मेरे मन की मानी
बहती सरिता सी
नदिया की रवानी,
देखो ... गाती आज प्रकृति ...
प्रीत की अनमोल कहानी ...!!
दिवस नहीं अब
ठहरा था समय ,
कई जुग सा बीता....
मोम सा पिघलाव लिए
झरते मेघ
बरसे उराव लिए ,
प्रकृति सजल आकृति भई ,
भई श्रावण वरुणा
बहती जैसे झर झर करुणा....
मन मुदित पात पात हरसें
मृदुल मनोहर मेघ बरसें
अविरल नयनन सों
धार बहे पानी
श्याम ने आवन की जानी ,
शब्द ने मेरे मन की मानी
बहती सरिता सी
नदिया की रवानी,
देखो ... गाती आज प्रकृति ...
प्रीत की अनमोल कहानी ...!!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति .........यात्रा कहीं से शुरू हो वापसी घर पर ही होती है :)
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (02-07-2016) को "ब्लॉगिंग से नाता जोड़ो" (चर्चा अंक-2653) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बढ़िया चर्चा ..!! मेरी कविता के चयन हेतु सादर धन्यवाद शास्त्री जी !!
Deleteबहुत ही सुंदर, शुभकामनाएं.
ReplyDelete#हिंदी_ब्लागिँग में नया जोश भरने के लिये आपका सादर आभार
रामराम
०९२
Mausam ke hisaab se kavita
ReplyDeleteSo Lovely :)
अन्तर्राष्ट्रीय ब्लोगर्स डे की शुभकामनायें .... #हिन्दी_ब्लॉगिंग
ReplyDeleteइस मौसम और कविताओं का सिलसिला बनाये रखियेगा... :)
ReplyDeleteवाह !!! बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteशुभकामनाएं
सामयिक रचना... बहुत सुन्दर!!
ReplyDeleteब्लोग्स पर पढ़ने का मजा ही कुछ और है :)
ReplyDeleteश्याम रंग रंगा मन ,करुणा झरी झम झम ,सुन्दर कविता बह निकली
ReplyDeleteकविता और गीत दोनों का आनंद देती संगीतमयी रचना..
ReplyDeleteसंगीतमय झरने से बहती कविता .....शुभकामनायें जी .
ReplyDeleteआप के स्नेह का शुक्रिया जी .
बहुत सुन्दर...!
ReplyDeleteआप लिखते रहिए ... पाठक सब कुछ खोज लेंगे
ReplyDeleteबहुत दिन बाद ब्लॉग पर आना अच्छा लगा ...आपकी रचनाएं विशेष विशेषण लिए होती हैं, बहुत मेहनत करती हैं आप,बहुत अच्छा हमेशा से ...झर झर करुणा ....👍
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