वैसे तो गीत को स्वर देना एक अलग ही विधा है ..!कभी इससे पहले कोशिश नहीं की थी किसी गीत को स्वर देना की ...पर आज समझ मे आया प्रोत्साहन क्या होता हैऔर क्या कुछ कर सकता है .. ...!मुझे कभी विश्वास नहीं था मैं कर पाउँगी पर आप सभी के कहने पर ही आज मैंने अपने लिखे एक श्याम भजन ..रीत रही मोरी प्रीत .....को स्वर्बद्ध किया और स्वयम ही इसे संगीत्बद्ध भी किया है ...!!इसका छायांकन भी मेरी ही कोशिश है ...मेरे जीवन की एक श्रेष्मठतम उपलब्द्धी है ये ...!और श्रेय जाता है ...आप सभी को ....
मधुरेश ,सलिल जी ,मनोज जी,अशीष जी ,प्रवीण जी ,यशवंत ,मुकेश ,अरविंद जी ,संगीता दी अनमिका जी ,अनु,दिगम्बर नासवा जी,रमाकांत जी ,शिखा जी,रश्मी दी ,अमृता जी,बाबुषा ,धीरेंद्र जी ,सतीश जी, शास्त्री जी,रविकर जी ,ललित जी ,शिवम ,अभि,वीरुभई जी ,संजय भास्कर जी ,हिमांशु जी ,...
समय समय पर आप सभी मुझे बहुत प्रोत्साहित करते रहे हैं कि मैं अपनी रचना स्वयम स्वर बद्ध करूं.....वैसे तो और भी बहुत नाम हैं लिखती जाउँ तो उसी से पोस्ट भर जायेगी ......
आप सभी का स्नेह और आशिर्वाद भरपूर मिला है ....तभी ये प्रभु कृपा भी हुई है ...लीजीये ये विरह गीत सुनिये .....
आप सभी का स्नेह और आशिर्वाद भरपूर मिला है ....तभी ये प्रभु कृपा भी हुई है ...लीजीये ये विरह गीत सुनिये .....
सुन्दर बहुत सुन्दर......
ReplyDeleteमनभावन... अनुपमा जी.....
आप गुणों की खान हो सच्ची....
और सुनने मिलेगा ऐसी उम्मीद है...अनुरोध है....
सस्नेह
अनु
bahut aabhaar Anu ..aage bhii koshish karatii rahoongi ..zaroor ..
Deleteसुन्दर शब्द ,मनोहारी धुन , मनभावन भजन..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ..!
बहुत आभार ..
Deleteबहुत सुंदर आवाज के साथ बेहतरीन भजन की प्रस्तुति,,,,
ReplyDeleteबधाई अनुपमा जी,,,,,
RECENT POST ...: आई देश में आंधियाँ....
बहुत आभार..
Deleteप्राणों में बस जात्ते हैं इस तरह के भजन ! आप इसी तरह स्वर माधुरी बिखेरती रहें!!
ReplyDeleteबहुत आभार हिमांशु जी.....!
Deleteबहुत सुन्दर भजन आपकी आवाज
ReplyDeleteबहुत प्यारी है .....
विडिओ भी बहुत बेहतरीन है...
शुभकामनाये :-)
आभार रीना ..
Deleteबहुत सुंदर भजन .... संगीत भी और छायांकन भी गजब का .... मज़ा आ गया ... आगे भी सुनने का अवसर दें
ReplyDeleteजी दी ज़रूर कोशिश करूंगी ..
Deleteअति सुंदर...मनमोहक भजन
ReplyDeleteबहुत आभार ...मोनिका जी ..
Deleteमनभावन भजन सुनने का अवसर मिला बहुत बहुत आभार अनुपमा जी
ReplyDelete@ संजय भास्कर
बहुत आभार संजय जी ..
Deleteमन को शांति प्रदान करता भजन !
ReplyDeleteआभार ..
Deleteमधुर, सुन्दर, सुर-समृद्ध...मन भक्ति में उतर गया..
ReplyDeleteबहुत आभार ..
Deleteअभी तो कई ऐसे ही अनछुए स्वरों को छेड़ना बाकी ही है..शुभकामनाये...
ReplyDeleteवाह अमृता जी आपने आगे का मार्ग खोल दिया ...!!बहुत आभार ...
Deleteमधुर स्वर लिए उत्कृष्ट गीत ... बधाई सहित शुभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत आभार सदा जी ..!!
Deleteकृष्ण तो भक्त वत्सल है , और अपने प्रिय की पुकार पर नंगे पांव दौड़े चले आते है. आप की इस श्याम भजन में शब्दों और भावो ने भक्ति के सागर में डूबने का अनुपम अवसर दिया . सुर और संगीत इसीलिए. अप्रतिम गान .
ReplyDeleteबहुत आभार आशीश जी ..
Deleteमंत्रमुग्ध कर दिया
ReplyDeleteबहुत आभार रश्मि दी ...!!
Deleteबहुत ही मधुर मनमोहक भजन ..आभार अनुपमा जी
ReplyDeleteबहुत आभार माहेश्वरी जी ..
Deleteबहुत सुन्दर रचना, सुन्दर संगीत संयोजन. विडीयो में चित्र संयोजन भी प्रसंशनीय है..इसे youtube पर डालें , बहुत लोकप्रिय होगा. शुभकामनायें.
ReplyDeleteबहुत आभार संतोष जी .. youtube पर ही है ये ...जब आप क्लिक कर के सुन रहे होंगे ..कर्सर को स्क्रीन पर ले जायें ...आप्को साइड मे youtube लिखा हुआ दिखेगा ..उस पर क्लिक करें...
Deleteकुछ परेशानी हो दुबारा पूछ लें...
वाह !! कर्णप्रिय मधुर गीत...मधुर स्वर...मनभावन छायांकन|
ReplyDeleteबधाई और शुभकामनाएँ स्वीकार करें !!
बहुत आभार ..!
Deleteमधुर आवाज़ ,सुंदर भजन और मोहक छायांकन ...
ReplyDeleteबहुत-बहुत मुबारक हो |
शुभकामनाये |
बहुत आभार ...!!
Deleteअध्यात्म भाव से मन आप्लावित हो गया है -आपने स्वर -संगीत बद्ध किया है यह अपने में ही एक अतिशय सुखद अनुभव है -क्योकि आपके गायन में एक परिपूर्णता और परिपक्वता है और क्लासिकी अभ्यास की झलक भी है !
ReplyDeleteबहुत आभार ..!
Deleteमधुरम मधुरम |
ReplyDeleteबहुत आभार अमित जी ..
Deleteबारिस में तन ही नहीं मन भी भीग गया भक्ति भाव से भरा श्याम के रंग में रंगा गीत .मनमोहक
ReplyDeleteबहुत आभार रमाकांत जी ..!!
Deleteअति सुन्दर...मधुर!!
ReplyDeleteबहुत आभार समीर जी ..
Deleteवाह अनुपमाजी .......मज़ा आ गया ...आप इतनी बहुमुखी प्रतिभा की धनि है ......जितना आपकी प्रतिभाएं अनावृत होती जा रही हैं ...आप एक inspiration बनती जा रही हैं .....साभार यह मधुर रसपान कराने के लिए
ReplyDeleteअरे सरस जी हृदय से आभार ...ये आपका स्नेह बोल रहा है ...अपना प्यार और आशिर्वाद बनाये रहियेगा ..!!
Deletemanbhavan, khubsurat....
ReplyDeletesach me anupama jee aap multi talented ho.
har vidha me aap apna sthan rakhteho
badhai........
बहुत आभार मुकेश जी ..!!
Deleteलाजवाब! ये तकनीक तो आपसे सीखना पड़ेगा, अनुपमा जी।
ReplyDeleteगाने के साथ-साथ जो तस्वीरें आ रही हैं और उस पर गीत के बोल जो लिखे आ रहे हैं इसने इस प्रस्तुति में चार चांद लगा दिए हैं। अब आप अपने सहृदयता से कहेंगी कि यह मुश्किल काम नहीं है, पर जब तक न आता हो मुश्किल तो लगता ही है। इसलिए इसी ब्लॉग पर इसकी भी कक्षा लगाएं।
गीत के बोल के साथ जो स्वर देने का काम आपने यहां किया है, यही मैं आपसे आपकी हर कविता के साथ चहता हूं। आपके स्वर देने से इसका सौन्दर्य कई गुना बढ़ जाता है।
बहुत बहुत आभार मनोज जी .....आप सभी का आशिर्वाद वा शुभकामनायें सम्भवत; वो भी करा जायें ....आशिर्वाद मैं इसलिये कहती हूँ क्योंकि जब शुभकामनाओं मे ईश्वरीय अंश जुड़ता है तब वो आशिर्वाद बनती हैं ...!!
Deleteओह! मेरा स्पीकर धोखा दे गया है...
ReplyDeleteउसके ठीक होने तक सुन न पाने के मलाल के साथ ही रहना पड़ेगा मुझे...
हालांकि जानता हूँ आपका गायन अद्भुत होगा...
सादर।
वाह! आनंद आ गया... सचमुच...
ReplyDeleteसादर बधाई स्वीकारें।
मैंने सोचा ही था की पिछले पोस्ट में पूछूं आपसे...की आपने तीनो काम खुद किया है, इतनी टैलेंटेड हैं आप...कैसे? :) :)
ReplyDeleteखैर मुझे तो बहुत पसंद आया आपका काम!! :)