सब रंग समाया ...!
यही सत्य जीवन ...
मेरी-तेरी काया ....!!
एक रूप ईश्वर ....!!
शिव रूप परमेश्वर .....
शिव रूप परमेश्वर .....
सबके ईश हो तुम ...
सब में वेष्टित गुण ..
पापी हो या पुजारी ..
राजा हो या रंक ..
सब रूप समाया ... !!
सुंदर मन में .....
हम सब एक ...तुम हम सब में ...
एक ब्रह्म....
परब्रम्ह ...!!
अद्वैत...
प्रभु मेरे ...बस एक कहा मानो ..
दे दो..
वो दृष्टि मुझे ...
दिव्य ..स्वेद सी ..!!
और थोड़ी ..
प्रबलता मन की ...
प्रेम ऐसा मन में मेरे ...
देख सकूँ हर सूँ ...
सुन्दरं ...सुन्दरं ...सुन्दरं ......!!
भज मन ..सत्यं ..शिवं ..सुन्दरं......!!!!!!!
बहुत सुंदर प्रार्थना .....
ReplyDeleteदे दो..
वो दृष्टि मुझे ...
दिव्य ..स्वेद सी ..!!
बहुत बढ़िया
भज मन ..सत्यं ..शिवं ..सुन्दरं......!!!!!!!
ReplyDeleteमन पवित्र हो गया सुबह-सुबह इस रचना को पढ़कर।
शब्दों का पवित्र अर्ध्य।
ReplyDeleteऔर थोड़ी ..
ReplyDeleteप्रबलता मन की ...
प्रेम ऐसा मन में मेरे ...
देख सकूँ हर सूँ ...
सुन्दरं ...सुन्दरं ...सुन्दरं ......!!
भज मन ..सत्यं ..शिवं ..सुन्दरं......
--
बहुत सुन्दरम्
धन्य हो गये रचना पढ़कर!
शिव भक्ति सिक्त कर गयी पंक्तिया . आभार .
ReplyDeleteआपके ब्लॉग की इस
ReplyDeleteप्यारी सी प्रार्थना के साथ आज के दिन की शुरुआत हो रही है......जय गणेश:)
एक रंग ..श्वेत..सब रंग समाया ...!यही सत्य जीवन ...मेरी-तेरी काया ....!!
बस एक कहा मानो ..
दे दो..
वो दृष्टि मुझे ...
दिव्य ..स्वेद सी ..!!
भज मन ..सत्यं ..शिवं ..सुन्दरं......!!!!!!!
kya baat hai bahut hi sunder shabdon main likhi sunder bhav liye bemisaal prarthanaa.badhaai sweekaren.
ReplyDeleteसुन्दर प्रार्थना , मन से , मन को छूती हुई .
ReplyDeleteआपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
ReplyDeleteआज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र . (अब तो चवन्नी बराबर भी नहीं हमारी हैसियत)
सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार प्रार्थना! दिल को छू गयी!
ReplyDeleteबहुत अच्छी लगी प्रार्थना.
ReplyDelete-----------------------------
कल 22/06/2011को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की गयी है-
आपके विचारों का स्वागत है .
धन्यवाद
नयी-पुरानी हलचल
भावपूर्ण अभिव्यक्ति ! सत्यं..शिवं...सुन्दरं... अद्भुत है यह कल्पना जो सत्य है वही कल्याणकारी है और वही सुंदर है..
ReplyDeleteआप की रचना सत्यं है ..शिवं भी है और .सुन्दरं तो है ही... आभार..
ReplyDeleteऔर थोड़ी ..
ReplyDeleteप्रबलता मन की ...
प्रेम ऐसा मन में मेरे ...
देख सकूँ हर सूँ ...
सुन्दरं ...सुन्दरं ...सुन्दरं .
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति.......शानदार .
बहुत ही सुंदर भावपूर्ण रचना |बधाई
ReplyDeleteआशा
सुंदर मन में .....
ReplyDeleteहम सब एक ...
तुम हम सब में ...
एक ब्रह्म....
परब्रम्ह ...!!
great...
पवित्र सी सुन्दर रचना.
ReplyDeletepavitra bhavon se bharee prarthana mayee rachana, badhai.
ReplyDeleteS.N.Shukla
Pavitra bhavon se bhari prarthana may rachana, badhai
ReplyDeleteअति उत्तम विचार……………काश ऐसा हो जाये।
ReplyDeleteसत्यम , शिवम सुन्दरम ...बहुत पवित्र कविता जैसे कोई आरती हो ......
ReplyDeleteदे दो..
ReplyDeleteवो दृष्टि मुझे ...
दिव्य ..स्वेद सी
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति..
bahut achchhi prarthna . vo har jagah hai. prem ki nazaron se dikhta hai.
ReplyDeletebahut badhiya rachna.
अनुपमा जी सुन्दर प्रार्थना प्रभु सब को सुन्दर देखने और सुकर्म करने की शक्ति दे -बधाई हो
ReplyDeleteवो दृष्टि मुझे ...
दिव्य ..स्वेद सी ..!!
और थोड़ी ..
प्रबलता मन की ...
प्रेम ऐसा मन में मेरे ...
देख सकूँ हर सूँ ...
सुन्दरं ...सुन्दरं ...सुन्दरं
शुक्ल भ्रमर ५
satyam shivam sundaram...:)
ReplyDeletesab kuchh to isme hi samaya hua hai!!
सुंदर मन में .....
ReplyDeleteहम सब एक ...
तुम हम सब में ...
एक ब्रह्म....
परब्रम्ह ...!!
bahut sundar Anupama ji .aabhar
अद्वैत...
ReplyDeleteप्रभु मेरे ...
बस एक कहा मानो ..
दे दो..
वो दृष्टि मुझे ...
दिव्य ..स्वेद सी ..!!
गहन अनुभूति.
सत्यम शिवम सुन्दरम ... आपकी यह रचना अति सुन्दर ..वाह
ReplyDeleteईश्वर एक अच्छे दिल की मनोकामना पूरी करे
ReplyDeleteशुभकामनायें !
प्रभु सब को सुन्दर देखने और सुकर्म करने की शक्ति दे|
ReplyDeleteएक रंग ,एक रूप सुंदर मन में ,
ReplyDeleteपढ़ना बहुत अच्छा लगा |अच्छी पोस्ट के लिए बधाई
आशा
दे दो..
ReplyDeleteवो दृष्टि मुझे ...
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ...बेहतरीन प्रस्तुति ।
स्वर्गिक भाव जगाती ......
ReplyDeleteटिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
ReplyDeleteप्रार्थना की तरंगें ऐसे ही बहती हैं|पवित्र हो गया सत्यं ..शिवं ..सुन्दरं...से मन |
ReplyDeleteरचना का भक्ति भाव और सर्व कल्याण की भावना मन को छू गयी...बहुत सुन्दर प्रभु स्तुति..
ReplyDeletesatyam shivam sundaram
ReplyDeletesab kuch madhuram madhuram madhuram...
सुंदर मन में .....हम सब एक ...
तुम हम सब में ...
एक ब्रह्म....
परब्रम्ह ...!!
Anupama ji adbhut...
आभार आप सभी का ...
ReplyDeleteकृपया अपनी टिप्पणियों द्वारा आगे भी मार्गदर्शन देते रहें ....!!
यहाँ आकर मन शांत हुआ। आभार।
ReplyDeleteअद्वैत...
ReplyDeleteप्रभु मेरे ...
बस एक कहा मानो ..
दे दो..
वो दृष्टि मुझे ...
दिव्य ..स्वेद सी ..!!
...........प्रभु ने तो दी है वो दृष्टि , हम अपनी आत्मा की आँखें खोलें तो सही , हम तो बस भौतिक प्राप्य में गर्त तक गिरे हुए हैं , प्रभु करे तो क्या ! हमारा आकलन खुद्दारी नहीं, बाहरी परिवेश है और वह भी पैसे से . पारिवारिक पृष्ठभूमि भी पैसे में है, संस्कारों में नहीं .
samarpan bhav aur sundar rachana, badhai
ReplyDeleteईशदेव परम पूजनीय परमात्मा शिव को संभोदित बहुत ही शुद्ध शीतल और सुन्दर प्रार्थना..!!!!!!!
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