धन घड़ी आई आज ...
आज आनंद ही आनंद है मन में |आज मेरे ब्लॉग का दूसरा जन्मदिवस है ...!!
मन की सरिता जब ब्लॉग पर डाली थी जानती नहीं थी की इसकी यात्रा मुझे कहाँ-कहाँ ले जाएगी ...!!सच कहूँ इस यात्रा पर चलते चलते मैंने अपने आप को और अच्छे से जाना है ...समझा है .....!अपनी बहुत सारी नकारात्मकता पर विजय हासिल की है ...!नकारात्मक भाव तो अभी भी आते ही हैं मन में ....लिखते लिखते सकारात्मकता ढूंढ लेता है मन .......वही करते रहने की कोशिश जारी रहेगी ...
धीरे धीरे ...लिखते लिखते ..
अपने आप में इतनी हो गयी हूँ मैं ...
की सच में जग से दूर हो गयी हूँ मैं ...!!
अब जब पीछे पलट कर देखती हूँ मुझे वो सब पड़ाव दिख रहें हैं .........सबसे पहले याद आता है वो संशय ...क्या मैं लिख पाउंगी ...?अच्छा चलो एक तो लिख ही दूं ...बनेगा तो और लिखूंगी ...नहीं तो छोड़ दूँगी ...! कैसे मैंने पहली पोस्ट डाली ...कैसे पहला कमेन्ट आया .....कैसे मुझे धीरे धीरे समझा कि ब्लोगिंग क्या है ...!!कैसे मैं एकदम विचलित हो गयी थी ... ...जब कुछ ही महीने पहले ,मेरा ब्लॉग गायब हो गया था ...!कितनी उथल -पुथल मच गयी थी मन में .......!पता नहीं कितने फोन.... कितने मेल किये थे ...!!उस समय लग रहा था जैसे आँखों के सामने से एक दुनिया ही गायब हो गयी है ....!दो घंटे के अन्दर ब्लॉग वापस मिल गया ....!!!वसुधैव कुटुम्बकम ......!जी हाँ ये हम ब्लोगेर्स की दुनिया है ....!ये दुनिया अब जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गयी है ....!!धरा पर बहती धारा सी .... बह चली है ....!!
आज एक ख़ुशी से भरा है मन ....एक पहचान जो मिल गयी है ....एक दिशा जो मिल गयी है .....अब .....?
फिर एक प्रश्न अपने मन से ही .......
ओरे मनवा तू क्या है ...?
ओरे मनवा तू क्या है ...?
एक मूक वेदना है ....
ओढ़कर जिसकी चादर ...
हर सर्द रात बीतती चले ...!
जिंदगी की राहों पर ...!!
एक घना बरगद ....
जिसकी छाँव तले ..
जेठ की दोपहरी की तपन से ,
तिड़का ....प्यासा ...बुझा बुझा मन ...
रुक-रुक कर ..कुछ देर ...
कुछ पल ठहरे ...
आस का दीप, फिर जले ...
फिर चले ...!!
दौड चले ..
जिंदगी की राहों पर .....!!
धुंधली सी एक आकृति ....
उदास क्षणों में .....
सिर सहलाये ...चम्पी करे ....
बालों में तेल लगाये ...
ऊंची ...ऊंची पींग ...झूला झुलाये ....
मेरा बचपन लौटा दे ....
खिल खिला कर ...कुछ हंसा कर ...
सजल नेत्र ...
अपने भावों से ..कृतार्थ करे ...
मुझे सुकृत करे .....
फिर दौड़ा दे ....
जिंदगी की राहों पर .....!!
धरा पर बहती अविरल धारा ...
कल कल ...छल छल ...
कुछ तरंगें ...
गुन-गुन ..नाद ..गुनगुनाये ...
लहरों से ले कुछ उमंगें ...
बने सुरों की तरंगें ...
भर-भर उमंग उछले ...
लहेरों की तरह ...
और ..वो सुर ...सदा साथ-साथ चलें .........
जन्म जन्मान्तर तक ...
ज़िंदगी की राहों पर .... ...!!
कभी वेदना ....कभी बरगद ....
कभी नदिया ..कभी आकृति
कैसे मन में ही ,
मन से ही बनी ... मेरी सुकृती ....
रुलाये भी ,हंसाये भी ...गुनगुनाये भी ...
और आस जगा कर ...
फिर दौड़ा दे...
ज़िन्दगी की राहों पर ...
ओरे मनवा तू क्या है ...?
बहुत बहुत बधाई ब्लॉग्गिंग के दुसरे जन्मदिवस पर.
ReplyDeleteआप मन की गहराईयों में डूब कर लिखती हैं,
आपके लेखन में सुन्दर अध्यात्म के दर्शन होते हैं.
आपके सकारात्मक दिव्य अनुपम लेखन के लिए आपको मेरी बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.
बहुत बहुत आभार राकेश जी |अपना आशीर्वाद बनाये रखें ....
Deleteआपकी सुकृति प्रभावशाली और यशस्वी है . मन के तारों को झंकृत करने वाली आपकी मधुर संगीतबद्ध रचनाये अनुपम आनंद की कारक होती है. ब्लॉग की द्वितीय वर्षगांठ पर अशेष शुभकामनायें ..
ReplyDeleteबहुत आभार आशीष जी .....आप जैसे लिखने वाले,साहित्य प्रेमी जब कुछ कहते हैं तो मन को पारिश्रमिक मिल जाता है ...!!
Deleteबहुत आभार ...!!
सुन्दर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबधाई ।
बहुत आभार ...!!
Deleteचर्चा मंच पर हमेशा ही सुकृती को स्थान देने के लिए विशेष आभार ...!!
Deleteइस अनमोल ब्लॉग की दूसरी वर्षगांठ बहुत बहुत मुबारक हो।
ReplyDeleteसादर
आपका विशेष आभार यशवंत ....आपने हमेशा ही बहुत सहायता की है.....!!आप जैसे सहृदय लोग मुश्किल से मिलते हैं ....आपको बहुत शुभकामनायें ...ह्रदय से ...!!
Deleteब्लॉग की द्वितीय वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनायें... सफ़र ऐसे ही चलता रहे अनवरत...
ReplyDeleteआभार ...संध्या जी ...
Deleteधीरे धीरे ...लिखते लिखते ..
ReplyDeleteअपने आप में इतनी हो गयी हूँ मैं ...
की सच में जग से दूर हो गयी हूँ मैं ...!!... वाह, इसी तरह कोलाहल से दूर खुद को पाती जाओ
रश्मी दी ...आपका आशीर्वाद तथा प्रोत्साहन सदा मिलता रहा है ......बहुत बहुत आभार ...!!
Deleteभई जे बहुत खराब बात है ... इतना बड़ा दिन और वो भी रूखा रूखा ... न पार्टी न मिठाई ... ऊपर से फिन कविता ... बोले तो टोटल इमोशनल अत्याचार है की नहीं ???
ReplyDeleteचलिये पार्टी ड्यू रही ... जब भी मिलते है ... जहां भी मिलते है !
ज़िंदगी की राहों पर चलते चलते ... अपने सभी फर्ज़ निभाते हुये जिये जाना सब से बड़ी बात है !
ब्लॉग की दूसरी वर्षगांठ पर बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और आने वाले सालों के लिए बहुत बहुत शुभकामनायें !
एक नहीं दो पार्टी ड्यू है भई ...एक तो दिल्ली में ''अनुभूती'' के विमोचन की भी .....
Deleteमुझे याद रहेगा ....
इतनी सुंदर शुभकामनाओं के लिए बहुत आभार ...!!
आप के इस अनुपम ब्लॉग के दूसरे जन्मदिवस पर बहुत-बहुत बधाई अनुपमा जी.. ..बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteबहुत आभार माहेश्वरीजी ....!!
Deletebahut bahut shubhkamnaye :)
ReplyDeleteWelcome To New Post:
बलि
आभार ..
Deleteबहुत सुन्दर..............
ReplyDeleteयहाँ सभी कुछ सुन्दर है....
:-)
अनंत शुभकामनाएँ अनुपमा जी....
लेखनी अनवरत चलती रहे..............
सस्नेह
Beauty lies in the eyes of beholder .....!!
Deleteआपकी दृष्टि सुंदर है जो आप सुंदरता देख पाती हैं ...!!
आपना स्नेह बनाये रहिएगा ....!!
बहुत आभार ...!!
ब्लॉग की द्वितीय वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनायें ।
ReplyDeleteबहुत आभार वंदना जी ..
Deleteमुबारक और शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteखूबसूरत एहसास!
बहुत बहुत आभार अशोक जी ...
Deleteअपना आशीर्वाद बनाये रहिएगा ....!!
ब्लॉग की दूसरी वर्षगांठ की बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteMY RECENT POST...फुहार....: दो क्षणिकाऐ,...
बहुत बहुत धन्यवाद ....!!
Deleteशुभकामनाएं...शुभकामनाएं...शुभकामनाएं...
ReplyDeleteबहुत बहुत बहुत आभार अमृता जी ...
Deleteअपना स्नेह बनाये रखियेगा ....!!
दो वर्ष होने की अतिशय बधाईयाँ, ऐसे ही लिखती रहें आप।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार प्रवीन जी .....ऐसे ही शुभकामनायें देते रहें आप ...!
Deleteबहुत बहुत बधाई .. रचनाधर्मिता कायम रहे
ReplyDeleteशुभकामनाओं के लिए ह्रदय से आभार ...!!
Deleteदो वर्षों का सफर और इतनी सुन्दर-सुन्दर कवितायें.. शुभकामनाएं इसी तरह हर मौसम की तरह खूबसूरती बिखरी रहे आपके ब्लॉग पर!!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार सलिल जी ...
Deleteस्नेह बनाये रखें ...और टिप्पणी से मार्गदर्शन देते रहें ....!!
दो वर्ष का सफर ...उसके लिए बधाई .... यह सफर निरंतर चले उसके लिए शुभकामनायें
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति ...
आपको विशेष आभार संगीता जी ...आपने बहुत उत्साह बढ़ाया है ....हमेशा ही बहुत प्रोत्साहित किया है ...!शुरू से ही आपकी टिप्पणी की रास्ता मेरी आँखें देखा करतीं थीं ...अपना स्नेह एवं आशीर्वाद बनाये रखियेगा ...!!
Deleteजिसने मन पर गौर किया,केवल वही जान पाएगा।
ReplyDeleteबहुत आभार ...!!
Deleteकभी वेदना ....कभी बरगद ....
ReplyDeleteकभी नदिया ..कभी आकृति
कैसे मन में ही ,
मन से ही बनी ... मेरी सुकृती ....
अपने भावों को सशक्त रूप में अभिव्यक्त करने की अद्भुत कला है आपके भीतर...... सुन्दर शब्दों का चयन और भावानुसार कविता को प्रभावी स्तर पर बनाये रखना. सब कुछ दिव्य...... ईश्वर करे यही ऊर्जा आपके भीतर बनी रहे. अनेकानेक शुभकामनायें !
बहुत बहुत आभार ....!!
Deleteकृतज्ञ हूँ.
स्नेह बनाये रखें ...
बहुत आभार .
ReplyDeleteबहुत आभार ...!
ReplyDeleteदेर से आने के लिए क्षमा!
ReplyDeleteदो वर्षों के इस सफर के लिए बधाइया और भविष्य के लिए असीम शुभकामनाए!
कविता के भाव मन को छूते हैं। बिम्बों का अद्भुत प्रयोग किया है।
मनोज जी बहुत आभार ...!
ReplyDeleteआपका भी विशेष आभार ,आपने भी समय समय पर बहुत मदद की |बहुत प्रोत्साहित भी किया |अपना स्नेह युहीं बनाये रहिएगा ...!!
चर्चा मंच पर हमेशा ही सुकृती को स्थान देने के लिए विशेष आभार ...!!
ReplyDeleteढेर सारी शुभकामनाएँ
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार अविनाश ...!!आप जैसे पुख्ता और सुघड़ लिखने वालों की शुभकामनायें मिलतीं हैं ...बहुत प्रसन्नता होती है ....!!!!!ईश्वर आपको हर ख़ुशी दें ...!!
Deleteदो वर्ष पूरे होने पर ढेर सारी शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteबहुत आभार ...!
Deleteब्लोगिंग के २ साल पूरे होने पर बधाई. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना, शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteबहुत आभार जेन्नी जी ...
Deleteवाह!!!!!!बहुत बहुत बधाई शुभकामनाए
ReplyDeleteMY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....
बहुत आभार ..
Deleteहार्दिक बधाई .. शुभकामनायें, आपको पढने का अनुभव बहुत सुखद है ....सतत लिखती रहें ....
ReplyDeleteबहुत आभार मोनिका जी ...
Deleteअपना स्नेह बनाये रहिएगा ...
अनुपमा जी ब्लाग की वार्षिकि पर मेरी बधाई स्वीकार करें । आपकी ये काव्य -पंक्तियाँ अपनी कोमलता से मन को छू गई-धुंधली सी एक आकृति ....
ReplyDeleteउदास क्षणों में .....
सिर सहलाये ...चम्पी करे ....
बालों में तेल लगाये ...
ऊंची ...ऊंची पींग ...झूला झुलाये ....
मेरा बचपन लौटा दे ....
खिल खिला कर ...कुछ हंसा कर ...
सजल नेत्र ...
अपने भावों से ..कृतार्थ करे ...
मुझे सुकृत करे .....
फिर दौड़ा दे ....
जिंदगी की राहों पर .....!!
-आप अनवरत लिखती रहें ।
बहुत आभार हिमांशु जी ...
Deleteअपना आशीर्वाद बनाये रहिएगा ...!!
बहुत आभार आपका ...
ReplyDeleteकभी वेदना ....कभी बरगद ....
ReplyDeleteकभी नदिया ..कभी आकृति
कैसे मन में ही ,
मन से ही बनी ... मेरी सुकृती ....
बेहद खूबसूरत सुकृति
आभार ,वंदना जी ...ह्रदय से ...!
ReplyDeleteशुभकामनायें स्वीकार करें ...
ReplyDeleteजी बिलकुल....बहुत आभार सतीश जी ...!!
ReplyDeleteआज 08/04/2012 को आपका ब्लॉग नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक किया गया हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत आभार यशवंत ....और सुनीता जी का भी .....इतनी खूबसूरती से याद करने के लिए .......हलचल से मन बहुत जुड़ा है ......ये हलचल सदा चलती रहे यही दुआ है ...
Deleteखूबसूरत यादें,
ReplyDeleteसुंदर कविता।
bahut abhar Mahendra ji .
Deletebilkul steek chitran ...badhai tripathi ji .
ReplyDeleteबहुत आभार ...!
Deleteबहुत बहुत बधाई, इतनी सुंदर कविता के लिये व आपके सुंदर ब्लॉग के दो वर्ष पूरे होने पर !
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार अनीता जी ...!!मार्गदर्शन देती रहें ...
Deleteब्लॉग की इस दुनिया में ..२ वर्ष पूरे होने के हर्ष का में केवल अंदाजा ही लगा सकती हूँ....मुझे अभी इस परिवार से जुड़े केवल २ ही महीने हुए हैं ....इस में मिले अपनेपन की मुझे आदत हो गयी है ....मेरा दिन इसी दुनिया से शुरू होता है ...और रात में भी जाते जाते जल्दी से एक बार झाँक जाती हूँ......आपको २ वर्ष पूरे होने की ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं....!!!!
ReplyDeleteबहुत आभार ....!!
ReplyDeleteअपना स्नेह बनाये रहिएगा ....!!
अपने आप को खोज लेना बहुत बड़ी उपलब्धि है अनुपमा जी लेकिन आप इससे भी अधिक बहुत कुछ हैं, चहुँ ओर विस्तीर्ण संगीत की एक अत्यंत मधुर स्वर लहरी, अपनी कविताओं के माध्यम से सहलाता सा स्नेह का एक मखमली आँचल और सात्विक भावों से छलकती एक बहुत ही मनभावन गगरी ! शहर से बाहर थी इसलिए आज कई दिनों के बाद आपके ब्लॉग पर आ पाई हूँ ! ब्लॉग की दूसरी वर्ष गाँठ मनाने के लिये हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
ReplyDeleteआदरणीय साधना जी, आपके शुभवचन सुन कर बाग बाग हो गया मन ...!!बहुत बहुत आभार ...!!अपना आशीर्वाद और अनुराग हमेशा बनाये रखियेगा...!!
ReplyDeleteलेट-लतीफों की तरह मैं देर से पहुंची .... चलो कोई बात नहीं .... पार्टी नहीं .... ना सही .... छोटी बहन को बधाई और शुभकामनाएं .... !!
ReplyDeleteदेर आये दुरुस्त आये ....आप आ ही गयीं येही बड़ी बात है मेरे लिए ....आपका आशीर्वाद मिला ...शुभकामनायें मिलीं ...यही तो चाहिए ही ....बहुत बहुत आभार आपका ...ऐसे ही अपना प्रेम बनाये रखें ...!!
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