Ignite the lamp of my heart ....my soul .....!!O Lord .....don't let my prayers go unheard ....!!just hold me before I fall ......!!
राह कठिन ,है बिपिन घना ......!!
कोयल की कूक में कामना,
मोरी प्रीत का सेतु प्रार्थना ,
आरत का सेतु अराधना
साधक का सेतु साधना
श्याम तुम तक पहुँचूं कैसे .... ?
मीरा की पीर झरे झरना ,
मन की हूक रचे रचना
राह कठिन ,है बिपिन घना ......!!
very nice
ReplyDeleteघने विपिन से तिमिरहरण भी तो बस वही जानता है. सुन्दर कृति.
ReplyDeleteमन में बसे श्याम तक तो यूँ पहुँच जाउंगी ,हर सांस आराधना है हर पल पर नजर पूजा है ,सुन्दर रचना
ReplyDeleteआरत का सेतु अराधना
ReplyDeleteसाधक का सेतु साधना
श्याम तुम तक पहुँचूं कैसे .... ?
‘मन की हूक रचे रचना..‘
ReplyDeleteअच्छी पंक्तियां !
बहुत ही उम्दा...
ReplyDeleteइस घने बादलों से श्याम स्वयं ही निकाल लेगा ...
ReplyDeleteभावपूर्ण पंक्तियाँ ...
बहुत खूबसूरत
ReplyDeletebeautyful thinking..............
ReplyDeleteराह कठिन ,है बिपिन घना ......!!
ReplyDeleteश्याम तुम तक पहुँचूं कैसे ....
मीरा की पीर झरे झरना ,
मन की हूक रचे रचना
राह कठिन ,है बिपिन घना ......!
बहुत दिव्य अनुभव
भावमय करते शब्द .... अनुपम प्रस्तुति
ReplyDeleteघने विपिन में ठन कर आयेगा प्रकाश
ReplyDeleteउसके आशीष से फिर छायेगा सर पे आकाश
पीर होगी तबी तो छलकेंगे अश्रू
और देगा वही सारी दुविधा से अवकाश
आपकी सुंदर रचना से प्रेरित।
जब श्याम तक पहुँचने का मैं बना ही लिया है तो घने जंगलों से डर कैसा
ReplyDeleteराहे आसान होंगी , मंगलकामनाएं आपको !
ReplyDeleteHi, for all time i used to check blog posts here in the
ReplyDeleteearly hours in the dawn, as i like to gain knowledge of
more and more.
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