मैं टकटकी लगाये ताकती रही ..
निरपेक्ष लहलहाती हुई .. ...
प्रेम ही प्रेम छलकाती हुई ..
चंद्रमुखी के फूल....मेरे आँगन में ... |
प्रेम ही प्रेम छलकाती हुई ..
हर आगंतुक का
स्वागत करती हुई ...
स्वागत करती हुई ...
प्रभास का आभास कराती हुई ....
ये चंद्रमुखी की कतार ...!!
ये चंद्रमुखी की कतार ...!!
ऐसे ही तो नाम तुम्हारा
नहीं पड़ा चंद्रमुखी ...
कोमलान्गिनी ..सुहासिनी ..
स्पर्श करने से डरती हूँ ..
कहीं तुम मैली न हो जाओ ..!
कितना खिलखिलाती हो ....
खिली-खिली तुम्हारी खिलखिलाहट से
खिल कर झूम रही है बगिया मेरी ...
अपने बाग में तुम्हें निर्निमेष निहार ..
बाग-बाग..है ...मेरा ह्रदय ...!!
भीनी भीनी सी खुशबू से ..
हृद भर गया है अब लबालब ..
और ..
तुम्हारे होने का प्रमाण ....!!
मौन ..आकर्षण ......तुम्हारा ...
जब खींचता है मुझे ..अपनी ओर...
टहलते हुए अपने बाग़ में चहुँ ओर ...
खुलते खुलते खुल ही जाते हैं ...
झीने झीने से मेरे मन के आवरण ...
और अपने भीतर देखती हूँ ....
चारू ..अप्रतिम प्रतिमा तुम्हारी ...
जैसे खुल गए हों ..
स्वर्ग के ये द्वार ..
देख कर ही तुम्हें..
एहसास होता है ...
तुम्हारी मौन व्यग्रता का ...
खिली सी ..चंचलता का ...
अरी ओ चंद्रमुखी ...
सगुना सुगुना ..
सच्चंद्रिका समेटे ..
सद्गति की ओर ले जाती हुई ...
सुंदर रंगों में साकार ..
मेरी सुकल्पना ..
सुघड़ मन अल्पना ...
हर जन्म की मेरी प्रेमिका ..प्रियतमा .....
सुहासिनी ....स्वस्ति ..सुमंगला ............................................................................................
चंद्रमुखी ...मधुरिमा .. मनोरमा हो तुम ...!!
खिली-खिली तुम्हारी खिलखिलाहट से
खिल कर झूम रही है बगिया मेरी ...
अपने बाग में तुम्हें निर्निमेष निहार ..
बाग-बाग..है ...मेरा ह्रदय ...!!
भीनी भीनी सी खुशबू से ..
हृद भर गया है अब लबालब ..
और ..
तुम्हारे होने का प्रमाण ....!!
मौन ..आकर्षण ......तुम्हारा ...
जब खींचता है मुझे ..अपनी ओर...
टहलते हुए अपने बाग़ में चहुँ ओर ...
खुलते खुलते खुल ही जाते हैं ...
झीने झीने से मेरे मन के आवरण ...
और अपने भीतर देखती हूँ ....
चारू ..अप्रतिम प्रतिमा तुम्हारी ...
जैसे खुल गए हों ..
स्वर्ग के ये द्वार ..
Chrysanthemums ....इन्हें ही शेवंती भी कहते हैं.. |
एहसास होता है ...
तुम्हारी मौन व्यग्रता का ...
खिली सी ..चंचलता का ...
अरी ओ चंद्रमुखी ...
सगुना सुगुना ..
सच्चंद्रिका समेटे ..
सद्गति की ओर ले जाती हुई ...
सुंदर रंगों में साकार ..
मेरी सुकल्पना ..
सुघड़ मन अल्पना ...
हर जन्म की मेरी प्रेमिका ..प्रियतमा .....
सुहासिनी ....स्वस्ति ..सुमंगला ............................................................................................
चंद्रमुखी ...मधुरिमा .. मनोरमा हो तुम ...!!
चन्द्रमुखी की सुन्दरता को समुचित मान देती शब्दों की पंखुड़ियाँ।
ReplyDeleteAapki adhiktar rachnayen jivan se bharpur rehti hain.
ReplyDeleteBahut sunder rachna.
बेहद उम्दा .... हार्दिक शुभकामनायें .....
ReplyDeleteआज का आशीर्वाद... इस चंद्रमुखी से रंग बने रहें ...
ReplyDeleteसुन्दर शब्दावली, सुन्दर अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteवाह क्या बात है...बहुत ख़ूब...बधाई
ReplyDeleteआपने तो चन्द्रमुखी का बहुत ही खूबसूरती से वर्णन कर दिया………शानदार्।
ReplyDeleteख़ूबसूरत चंद्रमुखी की तरह ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति के साथ मनमोहक रचना लिखा है आपने!
ReplyDeleteमेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
आपकी कविता पढ़ कर बाग़ बाग़ हुआ हमारा हृदय भी!
ReplyDeleteWish you a very very happy anniversary! May the almighty grant both of you eternal bliss of togetherness!!!
सुंदर चित्रों के साथ अति सुंदर कविता !
ReplyDeleteशादी की वर्षगांठ पर हमारी तरफ से
तुमेह और त्रिपाठी जी को बहुत बहुत
बधाई !!!!
इन फूलों की तरह महकती पोस्ट........और दुआ है ऐसे ही आपकी जिंदगी भी महकती रहे.........आमीन|
ReplyDeleteशुभकामनाओं का एक बड़ा सा गुच्छा मेरी तरफ से....
ReplyDeleteशेवंती पर भी कविता लिखी जा सकती है??? वाकई...लिखी जा सकती है..
वरना अब तक ख्याल में हरसिंगार,जुही,पलाश,कमल...ही आये थे.
बहुत खूब.
खूबसूरत प्रस्तुति ||
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई ||
terahsatrah.blogspot.com
छोटे और आसान शब्दों से जो माला आपने गूथी है, उसकी सुंदरता और महक दोनों महसूस हो रहा है।
ReplyDeleteअच्छी रचना
शुभकामनाएं
महकते फूलो की तरह कोमल पोस्ट..
ReplyDeleteमनमोहक पोस्ट!
ReplyDeleteसादर
ऐसे ही तो नाम तुम्हारा
ReplyDeleteनहीं पड़ा चंद्रमुखी ...
कोमलान्गिनी ..सुहासिनी ....
खूबसूरत प्रस्तुति .
माफ़ी चाहती हूँ कल मैं आपको शुभकामनाये नहीं दे पायी . अनुपमा जी शुभकामनाओं के शब्द भी कम पड़ जाते है जब ह्रदय एकबारगी किसी के लिए उमड़ आये . बस..बस .. बस.. ढेर सारी शुभकामनाये....
ReplyDeleteबहुत सुंदर चंद्रमुखी का वर्णन मन मोहक पोस्ट आभार
ReplyDeleteचंद्रमुखी की सुंदरता का बखूबी सुंदर शब्दों से रची बेहतरीन रचना,...
ReplyDeleteबहुत२ बधाई स्वीकार करें,..........
मेरे नए पोस्ट पर इंतजार है,....
चंद्रमुखी के सहारे बहुत ही खूबसूरत उदगार....
ReplyDeleteआदरणीया अनुपमा जी वैवाहिक वर्षगांठ की अनंत शुभकामनाएं....
सादर..
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteविवाह की वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ..
ReplyDeleteचंद्रमुखी के पुष्पों सी सुवासित रचना ..
बेहतरीन अभिव्यक्ति .... बधाईयाँ जी
ReplyDeleteविवाह की वर्षगांठ पर हर्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
ReplyDeleteचंद्रमुखी के रूप को और निखार दिया है आपने इन शब्दों से ...
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई विवाह की वर्षगाँठ पर ...
चन्द्रमुखी और शेवंती को ही तो गुलदाउदी कहते हैं... अनगिनत रंगों में इसके फूल मनमोह लेते हैं..जैसे मन मोह लिया है आपकी सुंदर कविता ने, शुभ दिन की बहुत बहुत बधाई!
ReplyDeleteमनोहारी कविता और चित्र
ReplyDeleteहाँ अनीता जी इसे ही गुलदाउदी भी कहते हैं|मुख्यतः ये ठन्डे प्रदेश का ही फूल है पर अब भारत में भी खूब दिखता है ...१५ जुलाई से इसको बगीचे में लगाने का कार्यक्रम शुरू होता है ...फिर लगातार इसकी देखभाल करना पड़ती है तब जाकर ये बगीचे की शोभा बढ़ाता है ...
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeletebahut undar shabd vinyass..anupam kriti..bahut bahut badahi sweekar karen..
ReplyDeleteकितना खिलखिलाती हो ....
ReplyDeleteखिली-खिली तुम्हारी खिलखिलाहट से
खिल कर झूम रही है बगिया मेरी ...
अपने बाग में तुम्हें निर्निमेष निहार ..
बाग-बाग..है ...मेरा ह्रदय ...!!
...
अपने अन्तरमन का कुसुम जब खिला होता है दुनिया की हर चीज़ में कविता फूटती है .. बहुत सुंदर कविता है दी !
मन खिल गया पढ़ और देख(चित्र) कर....
ReplyDeleteअतिसुन्दर...वाह !!!!
अमृता जी आपने बिलकुल सही दिन मुझे शुभकामनायें दीं हैं ....मैंने 6th शुरू होते ही पोस्ट ब्लॉग पर डाल दी थी ...
ReplyDeleteचंद्रमुखी ...मधुरिमा .. मनोरमा हो तुम ...!!
ReplyDeleteआपकी हर प्रस्तुति मुझे अनुपम लगती है.
क्या यह आपके नाम का प्रभाव है अनुपमा जी.
chandermukhi ki sunderta ka bakhaan kitne sunder shabdo main kiya hai aapne !!! man baag baag ho gaya itni sunder rachna padkar !!! phoolon ke rang jeevan ke har ek pahlu ko prabhavit karte hain !!! bahut baht badhai !!!
ReplyDeleteचंद्रमुखी की सुन्दरता का बखान कितने सुंदर शब्दों मैं किया है आपने !!! मन बाग़ बाग़ हो गया इतनी सुंदर रचना पड़कर !!! फूलों के रंग जीवन के हर एक पहलु को प्रभावित करते हैं !!! बहुत बहुत बधाई !!!
ReplyDeleteSuman aapka comment maine hindi me de diya .
आप सभी का बहुत बहुत आभार ...आपकी शुभकामनाओं से बहुत ख़ुशी मिली |कविता पसंद करने के लिए आभार ...मेरे शेवंती के फूल आपने पसंद किये मुझे बहुत ख़ुशी हुई ...!
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