तेरी फ़िक्र से मुझमे है मेरी सांस का होना '
तुझे तुझसे कहीं दूर चुरा लाया हूँ मैं
तेरे चेहरे की हँसी में ही मेरी शाम-ओ -सहर है
सबब -ए -ज़िक्र का पोशीदा असर लाया हूँ मैं
मौसम-ए -गुल की पनाहों में मैं हूँ ,तेरे ख़त भी हैं
तेरी यादों से रची शाम संवार लाया हूँ मैं
घने शजर की छाँव में की दो घड़ी की बात
दिल अपना तेरे पास यूँ ही छोड़ आया हूँ मैं
अनुपमा त्रिपाठी
"सुकृति "
वाह !!! शज़र की छाँव तले दो घड़ी की बात ने क्या गुल खिलाया है ,
ReplyDeleteहर शेर सवा सेर बन कर निखर आया है ।
लाजवाब
तेरी यादों से रची शाम....बेहद खूबसूरत, उम्दा...
ReplyDeleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (31-5-22) को "भक्ति को ना बदनाम करें"'(चर्चा अंक- 4452) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (5-6-22) को "भक्ति को ना बदनाम करें"'(चर्चा अंक- 4452) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
मेरी प्रविष्टि को चर्चा अंक में स्थान देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद कामिनी सिन्हा जी 🙏🙏
Deleteबहुत खूब।
ReplyDeleteसराहनीय प्रस्तुति।
ReplyDeleteवाह ! बहुत ख़ूब !
ReplyDeleteबेहतरीन व लाज़वाब सृजन ।
तेरी फ़िक्र से मुझमे है मेरी सांस का होना '
ReplyDeleteवाह!!!!
क्या बात...
बहुत लाजवाब।
तेरी फ़िक्र से मुझमे है मेरी सांस का होना '
ReplyDeleteवाह!!!
क्या बात...
बहुत लाजवाब।
खूबसूरत अहसास
ReplyDeleteमन के एहसासों से सज्जित सुंदर रचना।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सृजन
ReplyDeleteक्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसंबर को पड़ता है और इस दिन लगभग संपूर्ण विश्व मे अवकाश रहता है।
ReplyDeleteयह पढ़िए हैप्पी क्रिसमस डे शायरी
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